खेलता हुआ बच्चा जाने कब गिरा छटपटाया और डूब गया देखते रहे सब पर्वत के पीछे धीरे-धीरे डूबता हुआ सूरज पानी में सदियों से डूबी चट्टान।
हिंदी समय में नरेश सक्सेना की रचनाएँ